Hormonal Imbalance: Symptoms, Reasons, Treatment in Ayurveda

जानें क्या हैं Hormonal Imbalance के लक्षण और इससे बचने के लिए किन चीजों का करें सेवन ?
मानव शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार के बदलाव होते रहते हैं कुछ बदलाव प्रत्यक्ष रूप से नजर आतें हैं किन्तु कुछ बदलाव ऐसे होते है जो शरीर के अंदर होते है जिन्हे केवल लक्षणों के माध्यम से ही देखा जा सकता है। उसी प्रकार से Hormonal Imbalance भी शरीर के अंदर होने वाली समस्याओं में से एक है। जब कभी भी हमारे शरीर में किसी प्रकार का (imbalance) या असंतुलन होता है तो इसका सीधा असर हमारी भूख, नींद और स्वास्थ्य पर पड़ता है यहाँ तक की मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है।
आइए सबसे पहले जानते हैं की Hormones क्या होते हैं और इसका शरीर में क्या काम होता है ?
Hormones शरीर में एक प्रकार के केमिकल मेसेंजर (Chemical Messenger) होते हैं, यह ब्लड सर्कुलेशन द्वारा ( tissues) टिश्यूज़ या शरीर के अन्य अंगों तक पहुँचते है। यह धीरे-धीरे समय के साथ शरीर में काम करते हैं और शरीर में विभिन्न प्रकार की चीजों को प्रभावित करते हैं।
Hormonal imbalance एक ऐसी स्थिति है जहाँ शरीर में hormone कम मात्रा में बनने लगते हैं या फिर अत्यधिक मात्रा में बनने लगते हैं और ये पुरुष या महिला दोनों में हो सकती है और मूल रूप से दोनों को प्रभावित कर सकती है।
जैसे की:-
✺ मेटाबॉलिज़्म :- यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे हमारा शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है।
✺ सेक्सुअल क्रिया
✺ शरीर का विकास
✺ व्यक्ति का मूड, व्यवहार आदि।
यदि शरीर में hormones इम्बैलेंस हो जाए तो इससे शरीर की यह सारी महत्वपूर्ण गतिविधियां प्रभावित हो जाती है।
Hormonal Imbalance के लक्षण (Symptoms of Hormonal Imbalance):-
जब शरीर में hormones का असंतुलन (Hormonal imbalance) होने लगता है तो शरीर में बहुत सी चीज़ों में बदलाव आना शुरू हो जाता है और इनमे से कुछ लक्षण सामान्य पुरुषों या स्त्रियों में स्पष्ट दिखाई देने लगता हैं जैसे की :
❉ हर समय थकान महसूस करना।
❉ वजन बढ़ना और कमर के हिस्सों पर चर्बी का बढ़ना
❉ पेट से जुडी समस्याएं रहना जैसे की गैस, बदहज़मी और अपचा होना
❉ बहुत पसीना आना
पुरुषों में दिखने वाले लक्षण (Hormonal Imbalance Symptoms in Males) :-
प्रोजेस्टेरोन, एस्ट्रोजन और प्रोलैक्टिन हार्मोन पुरुषों के शरीर में भी उत्पादित होते हैं। इन सभी हार्मोन में टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में मौजूद सबसे महत्वपूर्ण हार्मोन में से एक है। इसलिए शरीर के समुचित कार्य को ठीक रखने के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर सही बनाए रखना बेहद जरूरी है।
➺ शरीर के बाल उगने में कमी या बालों का झड़ना :- एंड्रोजेन नाम का ये हॉर्मोन पुरुषों में पाया जाता है जिसका मुख्य काम पुरुषों में दाढ़ी आना से लेकर बाल झड़ने तक जैसी चीज़ों को प्रभावित करता है। जब ये हॉर्मोन शरीर में असंतुलित होता है तो शरीर में बालों का झड़ना या गिरना शुरू हो जाता है।
➺ मांसपेशियों में बदलाव :- पुरुषों में पाया जाने वाला यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन मांसपेशियों को विकसित करने में मदद करता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में बदलाव आने लगता है और मासपेशियां कमजोर होने लगती है।
➺ हड्डियों का कमजोर होना :- टेस्टोस्टेरोन हार्मोन यदि असंतुलित हो जाए तो इसका सीधा असर पुरुषों की हड्डियां पर होने लगता है। इससे हड्डियों की कमजोरी सामने आती है।
➺ नींद आने में समस्या होना :- सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर कम या ज्यादा होने से नींद ना आने जैसी समस्या होती है।
➺ मूड में ज्यादा बदलाव मह्सूस होना :- पुरुषों के शरीर में सेरोटोनिन हॉर्मोन जब असंतुलित होता है तो इससे मूड में कम या ज्यादा बदलाव देखा जाता है।
➺ याददाश्त कमजोर होना :- सेरोटोनिन, मूड को प्रभावित करने वाला यह हार्मोन याददाश्त, अच्छी नींद और बढ़िया पाचन-तंत्र सुनिश्चित करता है। यदि मस्तिष्क पर्याप्त मात्रा में इस हार्मोन का निर्माण नहीं करता तो तनाव, माइग्रेन, वजन बढ़ना और नींद न आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
➺ सेक्स लाइफ में बदलाव आना :- टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम या ज्यादा होने से सीधा असर पुरुषों की सेक्स लाइफ पर पड़ता है।
➺ थकान महसूस करना:- इसी प्रकार से यदि पुरुषों में Hormonal imbalance की समस्या हो जाए तो इससे शरीर में थकान इत्यादि महसूस की जा सकती है।
महिलाओं में Hormonal Imbalance के लक्षण (Symptoms of Hormonal Imbalance in Females)
➺ अनियमित मासिक धर्म (Irregular Periods) :- जब महिलाओं में Hormonal imbalance की समस्या होती है तो इसका सीधा-सीधा असर महिलाओं के मासिक धर्म ( Periods) पर पड़ता है। मासिक धर्म का सामान्य औसत चक्र 22 से 35 दिन का होता है। लेकिन Hormonal imbalance होने से ये अवधी कम या ज्यादा हो जाती है। इसका यही मतलब होता है की शरीर कम या ज्यादा मात्रा में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन प्रोड्यूस कर रहा है। जिन महिलाओं में Hormonal imbalance की समस्या ज्यादा दिखाई देती है उन में (PCOS-polycystic ovarian syndrome) होने के संभावनाएं बढ़ जाती है।
➺ मुँहासे होना (Pimples and acne) :- चहरे पर मुँहासे होना आमतौर पर सामान्य बात होती है, लेकिन बार-बार मुँहासे होना और सामान्यतः ये जल्दी से ठीक ना हो तो यह Hormonal imbalance का भी संकेत हो सकता है।
➺ याददाश्त कमज़ोर होना :- अगर आपको काफी समय से ये लग रहा है की आप कुछ कुछ चीजें या बातें भूलने लग गई है तो ये कोई समान्य बात नहीं है। कई मामलों में देखा गया है की जहाँ महिलाओं में भूलने जैसी चीजें देखि गई है उनमे Hormonal Imbalance की समस्या ही इसका कारण माना गया है।
➺ मूड स्विंग्स में बदलाव होना :- मासिक धर्म (Periods) के समय मूड स्विंग्स होना एक आम बात है लेकिन लगातार मूड स्विंग्स होते रहना भी Hormonal imbalance का ही संकेत है।
➺ योनि का सूखापन :- सामान्यत योनि में सूखापन मौसम और अन्य वजह से हो सकता है। लेकिन शरीर में एस्ट्रोजेन का कम स्तर आपकी योनि के टिश्यूज़ को काफी ड्राई या सूखा कर सकता है जिसके कारण चिड़चिड़ापन हो सकता है और ख़ासकर सेक्स के दौरान ज्यादा समस्या महसूस हो सकती है। यदि एस्ट्रोजेन का स्तर Hormonal imbalance के कारण कम है, तो योनि स्त्राव में कमी हो सकती है जिसके कारण टाइटनेस भी हो सकती है।
➺ स्तनों में बदलाव :- यदि आपके शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा कम है, तो आपको अपने स्तन पहले के मुताबिक छोटे लग सकते हैं और यदि एस्ट्रोजेन की मात्रा अत्यधिक हो जाए तो गाँठ आदि की समस्या भी हो सकती है। यदि आपको महीने में अपने स्तनों में बदलाव महसूस हो रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से जल्द से जल्द बिना लापरवाही के बात करनी चाहिए।
➺ लगातार वज़न बढ़ना :- जब भी शरीर में एस्ट्रोजेन के स्तर में कमी आती है तब महिलाओं में मूडस्विंग्स जैसे बदलाव आ सकते हैं जो आपको और खाने पर मजबूर कर सकते हैं। फीमेल हॉर्मोन्स एस्ट्रोजेन लेप्टिन हार्मोन से भी जुड़ा हुआ है, जो प्रतिदिन आपकी भोजन क्षमता को नियंतरण में रखता है। इसी कारण हॉर्मोन्स में उतार चढ़ाव से वज़न बढ़ सकता है।
➺ थकान रहना :- यदि आपको थकान इत्यादि ज्यादा मह्सूस होती है तो इसका कारण हॉर्मोन्स का इम्बैलेंस होना भी हो सकता है। अधिक मात्रा में बड़ा हुआ प्रोजेस्टेरोन भी आपको हमेशा थकान का अनुभव करा सकता है। और यदि थाइरॉड ग्रंथि सही मात्रा में थाइरॉड हॉर्मोन्स प्रोड्यूस नहीं करती है, तो इससे आपको एनर्जी की कमी महसूस हो सकती है। ऐसे समय में आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
➺ लगातार सिर में दर्द रहना :- सिरदर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन एस्ट्रोजेन का कम स्तर भी उन कारणों में से एक हो सकता है। यदि आपको हमेशा सिरदर्द रहता है, तो आपको अपने इन लक्षणों पर ध्यान देने की जयादा ज़रूरत है।
Hormonal imbalance का कारण (Reason for Hormonal Imbalance):-
एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर में हॉर्मोन्स का बैलेंस होना बहुत आवश्यक है। आइए जानते है आखिर Hormonal Imbalance के कई संभावित कारण हैं।
हम इस बात से अच्छे से अवगत है की हम किस प्रकार की जीवनशैली जी रहे हैं और परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार की समस्याओं से झूझना पड़ता है।
हार्मोन्स असंतुलन होने के कई कारण है उनमे से मुख्यतः
❆ अनियमित जीवनशैली
❆ ज्यादा तनाव लेना
❆ कुपोषण
❆ व्यायाम ना करना
❆ शुगर की समस्या
❆ पिट्यूटरी ट्यूमर (Pituitary Tumor)
❆ हार्मोन थेरेपी
❆ किसी भी प्रकार का कैंसर (Cancer)
❆ काफी मात्रा में दवाइयों का सेवन
Hormonal Imbalance का आयुर्वेदिक इलाज (Hormonal Imbalance Treatment in Ayurveda) :-
आयुर्वेद में Hormonal Imbalance का सही रूप से उपचार बताया गया है जिसमे इस समस्या का निदान जड़ से किया जा सकता है।
शरीर में हो रहे किसी भी बदलाव में सही डाइट की भूमिका अहम हो जाती है, इसके लिए आपको अपनी डाइट में भी कुछ खास बदलाव करने जरूरी है।
➺ डाइट का रोल :- अपने खाने में पौष्टिक तत्वों से भरपूर चीज़ों का सेवन करें जिससे हॉर्मोंस संतुलित रहेंगे वहीं, दूसरी ओर रोगों से लड़ने की ताकत भी बढ़ेगी।
क्या खाएं :-
❂ आहार में ताजे फल व सब्जियां जैसे की गाजर, मेथी, करेला, ब्रोकोली और हरी सब्जियां आदि की मात्रा बढ़ा दें।
❂ खाने में ड्राईफ्रूट्स (8-10 बादाम और 1-2 अखरोट रात भर पानी में भिगो कर) शामिल करें।
❂ हरी सब्जियों को नियमित रूप से सेवन करना शुरू कर दें। हरी सब्जियों के सेवन से सभी प्रकार के पोषण की पूर्ति होती है। जो हार्मोन्स को भी संतुलित करने का काम करते है।
❂ चाय कॉफ़ी की जगह ग्रीन टी का सेवन करें इसमें थियानाइन नामक प्राकृतिक तत्व पाया जाता है, जो हार्मोन्स को संतुलित रखता है।
❂ भरपूर मात्रा में नारियल पानी पिएं।
❂ सूरजमुखी के बीज
❂ शरीर में पानी की कमी न होने दें। पानी शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है।
❂ विटामिन डी के लिए मशरूम खाएं और थोड़ी देर धूप में जरूर रहें।
क्या ना खाएं :-
❂ चाय, कॉफी, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, चीज़, पिज़्ज़ा व अन्य खाद्य पदार्थ, जिनमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है इनसे परहेज करना चाहिए।
❂ पनीर, दूध से बनी और मीट जैसी फैट वाली चीजें का सेवन ना करें।
❂ वेजिटेबल ऑयल,ऑइली फूड, मैदा, वेजिटेबल ऑयल, सोया प्रॉडक्ट्स, स्टेरॉयड और ज्यादा एंटीबायोटिक लेने से हॉर्मोंस असंतुलित (Hormonal imbalance) हो जाते हैं।
आयुर्वेदा में योग के माध्यम से भी इलाज बताया गया है जैसे (Remedies for Hormonal Imbalance) :-
❆ कपालभाति, भुजंगासन और धनुरासन, मंडूकासन
❆ अनुलोम-विलोम प्राणायाम। इन आसनो से शरीर में हॉर्मोन्स को संतुलित किया जा सकता है।
❆ हॉर्मोंस से जुड़ा कोई सवाल या कोई भी इससे जुडी समस्या जानने के लिए आप हमसे सवाल पूछ सकते हैं ।
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