हर इलाज में शिलाजीत क्यों ज़रूरी है? जानें इसके फायदे

क्या आप जानते है जो आजकल मार्केट में शिलाजीत का इतना प्रचार हो रहा है, वह अधिकतर नकली और भ्रामक होता है। बहुत-सी कंपनियाँ इसे बेहद कम दामों पर उपलब्ध कराती हैं, लेकिन आपको जानकारी होना बहुत ज़रूरी है की ऐसा शिलाजीत आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। रिसर्च से यह भी सामने आया है कि भारत में जितना असली शिलाजीत प्राकृतिक रूप से उपलब्ध है, उससे कहीं ज़्यादा मात्रा में नकली शिलाजीत को कुछ कंपनियाँ रोज़ाना बेचती हैं। यह साफ है कि मिलावट और नकली उत्पाद बाजार में भरे पड़े हैं।
असलियत यह है कि Importance of Shilajit in Ayurveda बहुत गहरी और प्रामाणिक है। हमारे प्राचीन आचार्यों और शास्त्रों ने शिलाजीत को “सर्वरोग नाशक” बताया है। इसे मधुमेह, श्वास रोग, हृदय रोग, कमजोरी और शरीर को बलवान बनाने के लिए सबसे अच्छी औषधि माना गया है। लेकिन आज इसे केवल यौन शक्ति बढ़ाने वाली औषधि के रूप में प्रचारित किया जाता है, जो गलत है।
शिलाजीत हर इलाज में क्यों ज़रूरी है यह फेफड़ों, हृदय, किडनी और छोटी-बड़ी मांसपेशियों को कैसे शक्ति देता है। आईये इस लेख में जानते है Role of Shilajit in Ayurveda treatment और हर इलाज में शिलाजीत क्यों ज़रूरी है।
Table of Contents
ToggleRole of Shilajit in Ayurveda Treatment
शिलाजीत हमारे लिए बहुत ज़रूरी है। आयुर्वेदिक इलाज में शिलाजीत की भूमिका बहुत खास मानी जाती है। आयुर्वेद में शिलाजीत को रसयान औषधि कहा गया है। रसयान वे दवाएँ हैं, जो सिर्फ बीमारी दूर करने के लिए नहीं, बल्कि शरीर को नई ताकत देने, रोगों से बचाने और लंबी उम्र प्रदान करने के लिए भी काम आती हैं।
शिलाजीत से रोगों का इलाज करना कोई नई बात नहीं है। इसका इस्तेमाल पुराने समय से हो रहा है। यह मधुमेह, दमा (अस्थमा), हृदय रोग, जोड़ों के दर्द और सामान्य कमजोरी में लाभकारी है। शिलाजीत शरीर को अंदर से पोषण देता है और कोशिकाओं की ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है।
उदाहरण के तौर पर, मधुमेह से परेशान लोगों को शिलाजीत दिया जाता है। यह शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है और panceras को मजबूत बनाता है। हृदय के मरीजों में यह हृदय की मांसपेशियों को ताकत देकर हृदय को बेहतर काम करने में मदद करता है।
इस तरह, शिलाजीत किसी एक रोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शरीर को समग्र स्वास्थ्य और नई ऊर्जा देने वाली औषधि है। सही वैद्य की देखरेख में इसका सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद हो सकता है।
न सोऽसिति रोगो भुवि साध्यरूपः शिलाहयँ यं न जयेत् प्रसन्न।
तत्कालयोगवैधिभिः प्रयुक्तं स्वास्थ्य्यं चौर्जं विपुलं ददाति॥
अर्थ:
इस श्लोक में कहा गया है कि ऐसा कोई रोग नहीं है जिस पर शिलाजीत प्रभाव न डाले। यदि इसे सही विधि से प्रयोग किया जाए, तो यह दीर्घायु प्रदान करता है, रोगों को दूर करता है और शरीर को बल तथा शक्ति से भर देता है।
करप्रचितिके पादे दश भृङ्ग च मर्षिणा।
रसयानानां सिद्धानां संयोगाः समुदाहृताः॥
इत्येवमुक्ते तन्त्रे चक्रपाणितिसंस्कृते।
चिकित्सास्थाने रसायनाध्याये करप्रचितिको नाम रसायनपादस्तृतीयः॥
अर्थ:
इस श्लोक में बताया गया है कि जब शिलाजीत अन्य औषधियों और प्राकृतिक नुस्खों के साथ प्रयोग किया जाता है, तो इसका प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है। यह शरीर को ताकत और रोग-प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है, कमजोरी दूर करता है और लंबे समय तक स्वास्थ्य एवं ऊर्जा बनाए रखता है।
हर इलाज में शिलाजीत क्यों ज़रूरी है
- प्राकृतिक ऊर्जा और बल: शिलाजीत शरीर को वह ऊर्जा देता है जो सामान्य आहार या अन्य औषधियों से नहीं मिलती। यह कोशिकाओं के स्तर पर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाता है और थकान को दूर करता है।
- मधुमेह में लाभकारी: शिलाजीत का सबसे बड़ा पहलू यह है कि इसे मधुमेह रोग में उत्तम औषधि माना गया है। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने और अग्न्याशय को मजबूत करने में मदद करता है।
- हृदय और फेफड़ों का संरक्षक: शिलाजीत छोटी मांसपेशियों (माइनर मसल्स) को मजबूत करता है। चाहे हृदय की मांसपेशियाँ हों या फेफड़ों की, यह उन्हें सुदृढ़ बनाकर गंभीर बीमारियों से बचाता है।
- मानसिक और शारीरिक संतुलन: यह तनाव और थकान को कम करने के साथ-साथ मन को भी शांत करता है। रोगी को बेहतर नींद, उत्साह और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
- असमय बुढ़ापे से बचाव: शिलाजीत शरीर को जल्दी बूढ़ा होने से रोकता है और नई ऊर्जा देता है।
Importance of Shilajit in Ayurveda
शिलाजीत को आयुर्वेद में “रसायन” कहा गया है, जो शरीर को ताकत और नई ऊर्जा देता है। आईये जानते है Importance of Shilajit in Ayurveda:
- यह प्राकृतिक शक्ति-वर्धक है, जो शरीर को कमजोरियों से बचाता है।
- ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मदद करता है।
- यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- शिलाजीत मस्तिष्क की कार्यक्षमता और याददाश्त को बेहतर करता है।
- इसे यौवन बनाए रखने वाली औषधि माना जाता है, जो अकाल बुढ़ापे से रक्षा करता है।
- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाता है और शरीर को बीमारियों से बचाता है।
- आयुर्वेद में शिलाजीत को किडनी, हृदय और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने वाली औषधि माना जाता है।
कैसे रहे शिलाजीत के दुरुपयोग से सावधान?
आजकल शिलाजीत को केवल “सेक्सुअल पावर बढ़ाने वाली दवा के रूप में दिखाया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते है यह धारणा गलत है, क्योंकि शिलाजीत सिर्फ यौन शक्ति तक सीमित नहीं, बल्कि यह पूरे शरीर को मजबूती देता है। और नकली या मिलावटी शिलाजीत शरीर को फायदा देने के बजाय नुकसान पहुँचा सकता है। मिलावटी शिलाजीत किडनी, हृदय और फेफड़ों को गंभीर हानि पहुँचा सकता है। इसलिए शिलाजीत का इस्तमाल आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही करे।
Read More Info: How Can Ayurveda Help In Increase the Immunity
निष्कर्ष
आयुर्वेद में बताए गया है कि हर इलाज में शिलाजीत क्यों ज़रूरी है, क्योंकि यह केवल एक ऊर्जा बढ़ाने वाली औषधि नहीं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने वाली शक्ति है। शिलाजीत शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और अंगों की कार्यक्षमता को बेहतर करता है। चाहे समस्या हड्डियों, पाचन, हृदय, किडनी या मानसिक कमजोरी की हो, शिलाजीत एक सहायक औषधि के रूप में लाभकारी सिद्ध होता है। शिलाजीत से रोगों का इलाज संभव है क्योंकि इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं जो शरीर की खोई हुई ताकत को लौटाते हैं। सही और शुद्ध शिलाजीत का प्रयोग करके हम बीमारियों से दूर रह सकते हैं और लंबी उम्र तक स्वस्थ रह सकते हैं।
FAQ
1. शिलाजीत किस काम आता है?
यह शरीर को ऊर्जा, ताकत और रोग-प्रतिरोधक क्षमता देता है।
2. क्या शिलाजीत रोज़ लिया जा सकता है?
शिलाजीत रोज़ लिया जा सकता लेकिन डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही।
3. क्या शिलाजीत सिर्फ़ यौन शक्ति के लिए है?
यह संपूर्ण स्वास्थ्य और कई बीमारियों में सहायक है।
4.शिलाजीत कब लेना चाहिए?
सुबह खाली पेट या भोजन के बाद, जैसा डॉक्टर से सलाह मिले।
5.क्या नकली शिलाजीत नुकसान करता है?
मिलावटी शिलाजीत किडनी और दिल को नुकसान पहुँचा सकता है।