मिर्गी से घबराएं नहीं बल्कि इसे हराएँ !

यदि इस जीवन में न होता कोई रोग,
सच में मनुष्य की परेशानियाँ आधी रह जाती !
जी हाँ , आप ने सही जाना। आज कल लोग उतनी जीवन की और दिक्क्तों से परेशान नहीं हैं जितना वह जिंदगी को घर बनाकर बैठे रोगों से हैं। आज हम बात करेंगे मिर्गी के दौरे की।
भारत में लगभग 2 करोड़ लोग मिर्गी के शिकार हैं। मिर्गी अर्थात एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है, जिसमें रोगी को बार-बार दौरे पड़ते हैं। ऐसा मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी के कारण होता है। दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है।
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Toggleमिर्गी के लक्षण
> बेहोशी आना
> चक्र आना
> हाथ-पांव में झटके आना
> मुंह से झाग निकलना।
> होठ और चेहरा नीला पड़ जाना।
> कई बार मरीज द्वारा जीभ को दांतों से चबा लेना।
मिर्गी के दौरे पड़ने के कारण !
> आनुवंशिक कारण
>सिर पर घातक चोट लगना
> ब्रेन ट्यूमर या सिस्ट होना
>जन्म से पहले शिशु के सिर में चोट लगना
> ब्रेन स्ट्रोक (35 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में मिर्गी का यह मुख्य कारण माना जाता है)
> शिशु के जन्म के दौरान मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होना
> जन्म से मौजूद विकास संबंधित विकार या तंत्रिका संबंधित रोग इत्यादि
मिर्गी का आयुर्वेदिक इलाज
तुलसी
तुलसी दौरों को खत्म करने में भी काफी मददगार साबित होता है इससे तनाव भी दूर होता है। तुलसी के पत्तों को रोज़ चबाना या एक चम्मच तुलसी का जूस पीने से दिमाग में न्यूरोन का तालमेल बैठता है और दौरे नहीं पड़ते।
ब्राह्मी
ब्राह्मी का पौधा ब्लड सर्कुलेशन और मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इससे मिर्गी का दौरा लंबे समय तक नहीं रहता है और बार-बार अटैक भी नहीं आता है। साथ ही याददाश्त क्षमता भी बढ़ती है। मिर्गी में ब्राह्मी और अश्वगंध की दोनों की 4-4 ग्राम मात्रा और मिश्री की 8 ग्राम मात्रा ले लें। सभी को मिला लें। इसकी 6 ग्राम मात्रा पानी के साथ लेने से मिर्गी के अटैक कम आ सकते हैं।
अश्वगंधा
अश्वगंधा के कई औषधीय गुण है। अश्वागंधा के सेवन से मस्तिष्क संबंधी समस्याएं, नींद और हार्मोनल समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। मिर्गी की समस्या में अश्वगंध के सेवन से रोगी को काफी आराम मिलता है। इसके लिए अश्वगंधा पाउडर 4 ग्राम और मिश्री पाउडर 4 ग्राम ले लें। इन दोनों के मिश्रण को अच्छे से मिला लें और डिब्बे में स्टोर करके रख लें। सुबह-शाम खाने के बाद इसका सेवन करें। इससे मिर्गी की समस्या में राहत मिल सकती है।
सफेद प्याज का रस
मिर्गी से छुटकारा पाने के लिए सफेद प्याज का रस काफी फायदेमंद होता है। मिर्गी रोग को रोजाना सफेद प्याज के रस का 1 चम्मच पिलाएं।इससे उन्हें लाभ पहुंचेगा।
मिर्गी से ग्रस्त लोगों के लिए सबसे बड़ी औषधि प्रेम और हमदर्दी है। कभी भी आपको मिर्गी से रोगी से भेदभाव न करें और जरूरत पड़ने पर उनकी हर संभव सहायता करें।
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