क्या किडनी डायलिसिस को रोका जा सकता है? जानिए प्रभावी उपाय!

HiiMS: किडनी रोगियों के लिए एक नई उम्मीद: किडनी की बीमारी एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और लाखों लोग इससे जूझ रहे हैं। यह सवाल हर मरीज और उनके परिवार के मन में आता है कि क्या किडनी डायलिसिस को रोका जा सकता है या किडनी फेलियर में डायलिसिस जरूरी है? आमतौर पर, डॉक्टर किडनी फेलियर के मरीजों को डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं। लेकिन क्या बिना डायलिसिस किडनी रोग का इलाज संभव है?
HiiMS हॉस्पिटल ने इस सवाल का जवाब ढूंढा है! HiiMS में किडनी डायलिसिस से बचने के उपाय के रूप में प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद का उपयोग किया जाता है, जिससे मरीजों की किडनी को पुनर्जीवित करने में मदद मिलती है।
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Toggleहाल ही में HiiMS में एक युवक प्रशांत का सफल इलाज:
हाल ही में, (Hospital & Institute of Integrated Medical Sciences) में एक युवा मरीज जिसका नाम प्रशांत है। उसको बिना डायलिसिस के किडनी फेलियर से उबरने में सफलता मिली है। प्रशांत, जो कोलकाता का रहने वाला है वह गंभीर रूप से बीमार था और डॉक्टरों ने उसे किडनी ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी थी। लेकिन उसके परिवार ने आयुर्वेद का रास्ता अपनाने का फैसला किया और HiiMS में प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज करवाया।
किडनी फेलियर में डायलिसिस जरूरी है?
प्रशांत के पिता ने जब पहली बार उसके टेस्ट कराए, तो पता चला कि उसकी दोनों किडनियां पूरी तरह से फेल हो चुकी थीं। डॉक्टरों ने कहा कि बिना डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के कोई समाधान नहीं है। परिवार ने कई अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन हर जगह एक ही जवाब मिला की “डायलिसिस जरूरी है।” इसके बिना इसका ठीक होना संभव नहीं है।
बिना डायलिसिस किडनी रोग का इलाज
प्रशांत के पिता को HiiMS और आचार्य मनीष जी के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने HiiMS की उपलब्धियों के बारे में टीवी में सुना। उन्होंने इस पर काफी रिसर्च की। उन्होंने पेशेंट्स के लाइव वीडियो, वेबसाइट लिंक्स, गूगल रिव्यु सब चेक किये और नामी गिरामी हस्ती कॉमेडियन भारती सिंह और प्रधानमंत्री मोदी जी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी का वीडियो भी देखा. उन्हें पता चला कि HiiMS में प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से बिना डायलिसिस किडनी रोग का इलाज संभव है। जब उन्हें HiiMS की इलाज व्यवस्था पर विश्वास हुआ वो प्रशांत को लेकर सीधे HiiMS चंडीगढ़ आ गए। ये कदम उनकी जिंदगी में किसी चमत्कार से काम नहीं था। यह उनके लिए एक बड़ा निर्णय था, लेकिन यह उनकी जिंदगी का सबसे सही फैसला साबित हुआ।
किडनी डायलिसिस से बचने के उपाय
HiiMS में प्रशांत को GRAD (Gravitational Resistance and DIP Diet) थेरेपी दी गई। यह थेरेपी चार मुख्य उपचारों का संयोजन है, जिसमें:
- Head Down Tilt (HDT) थेरेपी – यह थेरेपी शरीर में रक्त संचार को सुधारने में मदद करती है।
- Hot Water Immersion (HWI) थेरेपी – इस थेरेपी में गर्म पानी में बैठने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
- DIP डाइट – पूरी तरह से प्राकृतिक और संतुलित भोजन, जो किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
- शरीर को डिटॉक्सीफाई करने वाली विशेष जड़ी-बूटियां – यह आयुर्वेदिक उपचार किडनी की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है।
HiiMS में बिना डायलिसिस किडनी रोग का इलाज कैसे संभव है?
HiiMS हॉस्पिटल में किडनी फेलियर के मरीजों का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के माध्यम से किया जाता है। यहाँ मरीजों को ऐसी विशेष थेरेपी दी जाती है, जिससे उनकी किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे बढ़ने लगती है।
प्रमुख प्राकृतिक उपचार:
- GRAD थेरेपी (Gravitational Resistance And DIP Diet): यह विशेष रूप से किडनी रोगियों के लिए विकसित की गई है, जो उनकी किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करती है।
- पंचकर्म थेरेपी: शरीर से टॉक्सिन्स निकालकर किडनी को स्वस्थ बनाने के लिए।
- DIP डाइट: शुद्ध, प्राकृतिक और संतुलित आहार, जिससे किडनी को आराम मिलता है और वह स्वयं ठीक होने लगती है।
- हेड-डाउन टिल्ट (HDT) थेरेपी: जिससे किडनी तक रक्त का प्रवाह बढ़ता है और उसका कार्य बेहतर होता है।
- हर्बल मेडिसिन और योग: आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और योग के माध्यम से किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाया जाता है।
किडनी रोग के लिए हर्बल उपचार
HiiMS में किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाने और डायलिसिस से बचाने के लिए विशेष आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। ये जड़ी-बूटियां किडनी को डिटॉक्स करने, सूजन कम करने, और रक्त संचार सुधारने में मदद करती हैं।
प्रमुख हर्बल उपचार:
- गोखरू (Gokshura) – किडनी की सूजन कम करता है और मूत्र प्रणाली को मजबूत बनाता है।
- पुनर्नवा (Punarnava) – किडनी को डिटॉक्स कर पुनर्जीवित करने में सहायक।
- वरुण (Varuna) – किडनी में पथरी बनने से रोकता है और मूत्र प्रवाह सुधारता है।
- गिलोय (Giloy) – इम्यूनिटी बढ़ाकर संक्रमण से बचाव करता है।
- त्रिफला (Triphala) – शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है और पाचन तंत्र सुधारता है।
क्या किडनी फेलियर में डायलिसिस जरूरी है?
डायलिसिस को अंतिम विकल्प के रूप में देखा जाना चाहिए। अगर समय पर सही उपचार मिल जाए, तो डायलिसिस को रोका जा सकता है। HiiMS हॉस्पिटल में अब तक हजारों मरीज बिना डायलिसिस के स्वस्थ हो चुके हैं।
निष्कर्ष
क्या किडनी डायलिसिस को रोका जा सकता ? GRAD थेरेपी और आयुर्वेदिक उपचारों की मदद से केवल 8 महीनों में प्रशांत की किडनियां 5th स्टेज से 4th स्टेज पर आ गईं और मात्र 3 दिनों में वह 3rd स्टेज तक पहुंच गया। प्रशांत की किडनी, जो पहले केवल 9 ml खून साफ कर रही थी, अब 31 ml खून साफ करने लगी—और यह सब बिना डायलिसिस के हुआ।
बिना डायलिसिस किडनी रोग का इलाज संभव है, बस जरूरत है सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव की। आज प्रशांत पूरी तरह से स्वस्थ है और सामान्य जीवन जी रहा है। उसका परिवार बेहद खुश है कि उन्होंने HiiMS पर विश्वास किया और प्रशांत ने नया जीवन पाया।
यदि आपको या आपके किसी प्रियजन को किडनी डायलिसिस से बचने के उपाय अपनाने की जरूरत है, तो HiiMS हॉस्पिटल से संपर्क करें और प्राकृतिक चिकित्सा से नई जिंदगी पाएं!
आचार्य मनीष जी का मिशन है “स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं, आतुरस्य विकार प्रशमनं“ जिसका अर्थ है “स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी को रोगमुक्त करना”। आइये आचार्य जी के इस मिशन का हिस्सा बनकर हम एक स्वस्थ और सम्पूर्ण जीवन जीना सीखें।
किडनी डायलिसिस से बचने से जुड़े सामान्य प्रश्न
प्रश्न. क्या आयुर्वेद से किडनी फेलियर का इलाज संभव है?
उत्तर. प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
प्रश्न. क्या किडनी फेलियर में डायलिसिस जरूरी है?
उत्तर. अगर सही समय पर प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक उपचार अपनाए जाएं तो डायलिसिस को टाला जा सकता है।
प्रश्न. HiiMS में किडनी का इलाज कैसे किया जाता है?
उत्तर. GRAD थेरेपी, पंचकर्म, DIP डाइट, हर्बल दवाएं, और योग के जरिए किडनी की कार्यक्षमता को पुनर्जीवित किया जाता है।
प्रश्न. क्या HiiMS में कोई किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है?
उत्तर. HiiMS बिना डायलिसिस और बिना ट्रांसप्लांट के प्राकृतिक तरीकों से इलाज करता है।