Treatment for Sugar

रजनीश मोहन, उम्र 41 वर्ष ऋषिकेश निवासी पिछले 8 सालों से शुगर की बीमारी से पीड़ित थे। पेशेंट ने इसके लिए शुरुआत में तो एक्सरसाइज इत्यादि की ताकि उन्हें दवाइयां की तरफ ना जाना पड़े लेकिन कुछ समय के बाद इन्हे अपनी बीमारी के लिए दवाई का सहारा लेना पड़ा। इन्होने काफी समय तक एलोपैथी से इलाज करवाया लेकिन जब तक ये दवाई खाते उतने समय तक ठीक रहते और दवाई ना खाने पर इनकी शुगर की समस्या और बढ़ जाती।
जब पेशेंट एलोपैथी से इलाज ले रहा था तो पेशेंट की डोज़ धीरे-धीरे बढ़ गयी और एक समय ऐसा आया की बिना दवाई के पेशेंट के लिए रहना मुश्किल हो गया। शुगर के साथ साथ इन्हे और भी समस्या होने लग गयी जैसे की ठीक से नींद ना आना, पेट की समस्या और बेचैनी, थकावट इत्यादि।
पेशेंट 29 जून 2021 को हमारे शुद्धि क्लिनिक की ऋषिकेश ब्रांच में आये जहाँ इनकी समस्याएं diagnose की गयी। इनकी समस्याएं इतनी गंभीर हो चुकी थी की ये एक दिन में 6 से 7 गोली एक समय में लेते थे। इनकी एक दम से दवाई छुड़वाना ये भी काफी चुनौती भरा था। लेकिन इन सब समस्याओं को देखते हुए हमने इनकी जांच की और आयुर्वेद के माध्यम से इनकी चिकित्सा शुरू की। जब पेशेंट का इलाज शुरू किया गया तो पेशेंट को दूसरे दिन से ही शुगर की समस्या में राहत मिलने लगी। पेशेंट को हमने Shuddhi Package का कोर्स करवाया। दूसरे ही दिन से पेशेंट की स्थिति में काफी सुधार देखने को मिला।
इसके बाद पेशेंट हमारे पास 27 जुलाई 2021 को आया और इस समय पेशेंट की हालत में काफी सुधार देखने को मिला। पहले जहाँ पेशेंट पूरी तरह से दवाइयों पर निर्भर थे और उसके बावजूद इन्हे ओर भी बहुत सारी समस्याएं थी लेकिन अब इन्हे किसी भी प्रकार की कोई घबराहट, थकान या नींद ना आने जैसी कोई समस्या नहीं थी। इसके बाद पेशेंट की दवाइयों में थोड़ा बदलाव किया गया।
बताए गए तरीके से दवा का लगातार सेवन करने के बाद, पेशेंट की स्थिति में 100 % सुधार आया। मात्र कुछ ही दिनों में आयुर्वेद की मदद से इन्हे इनकी बीमारी से आराम मिल गया। इन सबसे पेशेंट बहुत संतुष्ट और खुश थे।
यदि बिना समय गवाएं अपनी बीमारी से जल्द राहत पाना चाहते हैं तो इसके लिए खान पान में बदलाव करना ज़रूरी है। इसी प्रकार से शुद्धि क्लिनिक में आयुर्वेदिक दवाओं के साथ-साथ डाइट प्लान भी दिया जाता है ताकि बीमारी को आसानी से ठीक किया जा सके। इलाज के दौरान डॉक्टर ने पेशेंट को शुद्ध शाकाहारी भोजन और कुछ महत्वपूर्ण योग और मैडिटेशन की सलाह दी गयी। इसके साथ साथ पेशेंट को दिन में दो बार हर्बल चाय (32 Herbs Tea) का सेवन करने को कहा गया। सब्जियों में पेशेंट को सोयाबीन, हरी सब्जी, चने की दाल, लौकी और करेले का जूस आदि का सेवन करने को कहा गया।
शुगर जैसी बीमारी के लिए एलोपैथी में ज़िंदगी भर दवाइयां खिलाई जाती है और एक समय ऐसा आता है जब पेशेंट इन्सुलिन पर आ जाता है और फिर धीरे धीरे आँखे और किडनी खराब होने लगती है। लेकिन आयुर्वेद में इन समस्याओं का जीवन भर दवाइयां खिला कर नहीं बल्कि जड़ी बूटियों के द्वारा इलाज किया जाता है। और ये बात सिर्फ कहने की नहीं बल्कि आप यहाँ खुद देख सकते हैं की पेशेंट जब हमारे पास आया था तो इनकी कितनी हालत खराब थी लेकिन हमने आयुर्वेदिक दवाइयों और जीवनशैली में बदलाव कर इनकी हर समस्या से इनको ठीक किया है ।
"आयुर्वेद है तो मुमकिन है
बस थोड़ा विश्वास करने की जरुरत है"